Tuesday, November 12th, 2024

शनि को प्रिय है घोड़े की नाल, साढ़ेसाती से बचने के लिए करें यह उपाय

मुंबई, 9 जून: ज्योतिष शास्त्र में शनि को कलियुग में मध्यस्थ और कर्मफल देने वाला माना गया है। शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। वहीं दूसरी ओर अशुभ शनि कई कठिन परिस्थितियों को जन्म देता है। जीवन कठिनाइयों से भरा है, खासकर अगर कुंडली में शनि साढ़ेसाती हो।

साढ़ेसाती के कारण व्यक्ति लंबे समय तक कष्ट में रहता है। शनि को घोड़े की नाल बहुत प्रिय है। शनि की साढ़ेसाती से बचाव के लिए घोड़े की नाल को काफी कारगर माना जाता है। आइए जानते हैं इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है…

घोड़े की नाल का प्रयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काले घोड़े की नाल शनि की महादशा और उसके प्रकोप से रक्षा करती है। काले घोड़े की नाल को सरसों के तेल में डालकर शमी के पेड़ के नीचे गाड़ दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से शनि की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस उपाय को करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

घर के मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल लगाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और घर के सदस्यों की नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है। दरवाजे पर घोड़े की नाल लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर में घोड़े की नाल लगाने से शनि का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।

अगर आप काम और व्यापार से परेशान हैं तो घोड़े की नाल की अंगूठी अंगुली में धारण करें। ऐसा करने से शनि का अशुभ प्रभाव कम होगा और नौकरी और व्यवसाय से जुड़ी सभी परेशानियां दूर होंगी।

एक काले घोड़े का असली खुर वह होता है जो खुद को मिटा देता है। ऐसे काले घोड़े की नाल को ही पूर्ण रूप से क्रियाशील माना जाता है। घोड़े की नाल सभी दोषों को लाती है। काले घोड़े की आगे की दो टांगों में दाहिनी ओर का खुर सबसे अच्छा माना जाता है। इसका प्रभाव सबसे अधिक रहता है।

जो लोग शनि से संबंधित व्यवसाय में हैं या शनि के नकारात्मक प्रभाव से पीड़ित हैं उन्हें अपने घर के मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल लगानी चाहिए। काले घोड़े के अलग-अलग पैरों का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर उसकी ग्रह स्थिति के अनुसार अलग-अलग होता है।

जिन लोगों का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हो उन्हें भी इस नाले को अपने द्वार पर स्थापित करना चाहिए। शनिवार की शाम को इसे स्थापित करने से लाभ होता है। नल को स्थापित करने से पूर्व उसे मंत्रोच्चारण द्वारा जाग्रत कर सक्रिय करना चाहिए।