Thursday, November 21st, 2024

इस वजह से महिलाओं में होती है माइग्रेन की समस्या

मुंबई: सिरदर्द एक आम समस्या है जिसका सामना कई लोग करते हैं; लेकिन अगर सिर दर्द ऊपर से हो और बहुत भारी हो तो यह माइग्रेन का लक्षण हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार माइग्रेन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होता है। इसका संबंध तनाव से भी है।

महीने में 15 दिन तेज सिर दर्द माइग्रेन का लक्षण है। माइग्रेन के कारण मतली, उल्टी, चमकदार रोशनी देखने में असमर्थता और तेज आवाज के प्रति असहिष्णुता होती है। इससे व्यक्ति के दैनिक कार्यों में परेशानी होती है।

लगभग 90-95 प्रतिशत व्यक्ति अपने जीवनकाल में गंभीर माइग्रेन से पीड़ित होते हैं। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सिरदर्द 2-3 गुना अधिक होता है। साथ ही, खासकर किशोरावस्था में महिलाएं माइग्रेन से पीड़ित होती हैं। महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स की भूमिका अहम होती है। इसलिए, महिलाओं को माइग्रेन होने का खतरा अधिक होता है।

जीवनशैली और अनुवांशिक कारक जैसे कई कारक पुरानी माइग्रेन में योगदान देते हैं। माइग्रेन पीड़ित व्यक्ति को धुंधली दृष्टि, बार-बार जम्हाई लेना या गिरने जैसा महसूस होना, एक तरफा सिरदर्द और उल्टी का अनुभव हो सकता है। लक्षणों में हर कुछ दिनों में सिरदर्द शामिल हो सकते हैं।

माइग्रेन और तनाव

तनाव माइग्रेन का एक अहम कारण है। हार्मोन्स के साथ-साथ मानसिक दबाव (समय पर काम हो जाना) भी तनाव का कारण हो सकता है। महिलाओं में मासिक धर्म भी तनाव का एक कारण होता है। इसके अलावा उपवास, अपर्याप्त नींद, चिंता, भय, चिंता, अवसाद, शराब, चॉकलेट, पनीर भी महिलाओं में माइग्रेन बढ़ा सकते हैं।

जैसे-जैसे तनाव कारक आवृत्ति में वृद्धि करते हैं, मस्तिष्क की स्थिर स्थिति को बनाए रखने वाली एलोस्टैटिक प्रतिक्रियाएं अति प्रयोग और अविनियमित हो जाती हैं। मस्तिष्क का यह अति प्रयोग कार्यात्मक और संरचनात्मक मस्तिष्क नेटवर्क दोनों को बदल सकता है। इससे माइग्रेन अटैक होता है।

तनाव को कैसे प्रबंधित करें और माइग्रेन को कम करें?

महिलाएं अपने तनाव को कम करने के उपाय करके माइग्रेन के खतरे को कम कर सकती हैं।

पर्याप्त नींद: पर्याप्त नींद लेने से एनर्जी बढ़ती है। इससे जलन कम होगी।

संगीत सुनना: संगीत मन को शांत करता है। ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। स्ट्रेस हार्मोन का स्तर भी कम होता है।

व्यायाम: व्यायाम तनाव हार्मोन एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल के स्तर को भी कम करता है। साथ ही एंडोर्फिन हार्मोन और दिमाग के कुछ केमिकल्स भी बढ़ जाते हैं। वे प्राकृतिक दर्द निवारक हैं और मूड में सुधार करते हैं।

संतुलित आहार: पत्तेदार सब्जियों में विटामिन के होता है। इन्हें डाइट में शामिल करने से तनाव का स्तर कम होता है। धमनियां सुरक्षित रहती हैं। संतुलित आहार शरीर को नाइट्रेट्स की आपूर्ति करके रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।

ध्यान और एकाग्रता: तनाव कम करने के लिए ध्यान एक बेहतरीन विकल्प है। यह आरामदायक नींद में भी मदद करता है। यह डिप्रेशन और चिंता को कम करने में भी फायदेमंद है।

इन चीजों से महिलाएं अपना तनाव दूर कर माइग्रेन के खतरे को कम कर सकती हैं। साथ ही, इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।