Sunday, November 24th, 2024

अमरनाथ जाते समय खुद भगवान शिव ने किए थे ये त्याग …

आज अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना हो गया है। दुर्लभ यात्रा के लिए इस साल करीब 2 लाख श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण कराया है। जम्मू से कश्मीर के पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना होनेवाले इस जत्थे में शामिल भक्तों के मन में शिव ही शिव होंगे। क्योंकि हिंदू धर्म मानता है कि जब तक बुलावा न आए भगवान के दर्शन भी नहीं होते।

चलिए, शिव अपने प्रिय भक्तों को अपने दर पर बुला रहे हैं लेकिन क्या आपको पता है कि अमरनाथ आने के लिए खुद भगवान शिव को अपनी प्रिय वस्तुओं और स्नेही जीवों का त्याग करना पड़ा था।

भगवान शिव पृथ्वी पर एक ऐसे निर्जन स्थान की खोज में थे, जहां कोई चराचर जीव न हो। तब उन्हें अमरनाथ की गुफा उचित स्थान लगी।

माता पार्वती भगवान शिव से अमर होने का रहस्य जानना चाहती थीं। माता को यह रहस्य बताने के लिए भगवान को ऐसे स्थान की जरूरत थी जहां कोई न हो। ताकि किसी और जीव द्वारा यह रहस्य जानने पर प्रकृति के कार्य में बाधा न आए।

भगवान शिव भले ही देवों के देव हैं, लेकिन अमरनाथ आने से पहले उन्होंने अपने प्रिय चंद्रमा, नाग, नंदी, गंगा और गणेश का त्याग किया।

चंद्रमा, नाग, नंदी, गंगा और गणेश ही शिव के पंच महाभूत कहलाते हैं। इन पांचों को ही पंच तत्व कहा जाता है। वे पंच तत्व,जिनसे मानव शरीर की रचना होती है।

अनादि देव ने अमरत्व के रहस्य को वाणी पर लाने से पहले हर प्रिय जन और वस्तु का त्याग कर मानव जाति को यह संदेश दिया कि शिव में लीन होना है तो सारे मोह और लोभ पीछे छोड़ना जरूरी है। तभी अमरनाथ की यात्रा सार्थक है।

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