मुंबई, 9 जुलाई: हर कोई चाहता है कि उसके घर में सुख-समृद्धि आए। वास्तु के अनुसार हर दिशा के लिए रंग तय होते हैं। अगर रंगों का चयन सही ढंग से किया जाए तो हमारा जीवन सुख और शांति से भर जाता है। लेकिन अगर रंगों का चुनाव गलत हो तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है। जानिए वास्तु के किन नियमों का पालन करके घर में समृद्धि लाई जा सकती है और दिशाओं के अनुसार रंगों का चयन इस प्रकार करें…
पूर्व दिशा के लिए हरा, हल्का नारंगी रंग तथा पश्चिम दिशा के लिए सफेद व हल्का भूरा रंग उपयुक्त रहता है। उत्तर दिशा के लिए हरा रंग तथा दक्षिण दिशा के लिए लाल रंग शुभ है।
ईशान कोण में नीला और वायव्य में सफेद, आसमानी रंग शुभ होता है। दक्षिण पश्चिम के लिए पीला रंग तथा दक्षिण पूर्व के लिए लाल, गुलाबी रंग शुभ होता है। ऑफ व्हाइट, एकदम लाइट क्रीम कलर हर किसी पर अच्छा लगता है।
घर के जिस कोने में दोष हो वहां शंख बजाना चाहिए।
पूजा स्थल पर सुबह और शाम के समय दीपक जलाना शुभ होता है।
बिस्तर के नीचे सामान या चप्पल रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
ऑफिस के पिछले हिस्से में किताबों की शेल्फ नहीं रखनी चाहिए।
मुकदमे या विवाद से जुड़ी फाइलें तिजोरी या लॉकर में न रखें।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कुबेर धन और समृद्धि के देवता हैं। उत्तर पूर्व पर भगवान कुबेर का शासन है, इसलिए शौचालय, जूता रैक और किसी भी भारी फर्नीचर आइटम जैसी सभी बाधाओं और स्थानों को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए जो नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं। घर के उत्तर-पूर्व कोने को खाली रखें। इसके अलावा पूरे घर की उत्तर-पूर्व दिशा में दर्पण या कुबेर यंत्र लगाने से धन-समृद्धि की कमी नहीं होती।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आर्थिक स्थिरता के लिए अपना धन घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। अपने सभी आभूषण, धन और महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। इस दिशा में रखी चीजों में कई गुना वृद्धि होती है। ध्यान रखें कि यदि तिजोरी दक्षिण या पश्चिम दिशा में होगी तो भारी खर्च होगा। वित्तीय समस्याओं और अधिक खर्चों से बचने के लिए मुख्य तिजोरी/लॉकर का दरवाजा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में खोलें।