Wednesday, November 13th, 2024

आज है शुक्र प्रदोष व्रत, जानिए समय और महत्व

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की पूजा के लिए एकादशी का विशेष महत्व है। इसी तरह, भगवान शंकर की पूजा के लिए प्रदोष महत्वपूर्ण है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत आज यानी 23 सितंबर 2022 है. इसे शुक्र प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह प्रदोष व्रत शुक्रवार को पड़ता है। इस दिन प्रदोष व्रत के साथ विधिपूर्वक शिव पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

प्रदोष व्रत तिथि और मुहूर्त:
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में पंचाग प्रदोष तिथि के अनुसार 23 तारीख को दोपहर 1:17 बजे शुरू होगी. तो प्रदोष तिथि शनिवार 24 सितंबर 2022 को दोपहर 2:30 बजे समाप्त होगी। प्रदोष पूजा मुहूर्त 23 तारीख को शाम 6:23 बजे से रात 8:45 बजे तक है। इस बीच 22 सितंबर 2022 को सुबह 9:45 बजे से 23 सितंबर 2022 तक सुबह 9:56 बजे सर्वार्थ सिद्धि योग है.

शिव पूजा के साथ-साथ लक्ष्मी पूजा का भी महत्व
शुक्र प्रदोष के दिन भगवान शंकर सहित मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शंकर का अभिषेक, रुद्राभिषेक और श्रृंग करना चाहिए। इस व्रत के प्रभाव से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन भगवान शंकर को दूध से अभिषेक करना चाहिए और फूल चढ़ाना चाहिए। इससे संतान में सुख, धन के साथ-साथ करियर में सफलता मिलती है। इस प्रकार की गई पूजा भगवान शंकर को अति प्रिय मानी जाती है। भगवान शंकर की पूजा करने के बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी को लाल फूल चढ़ाएं। इसके साथ ही श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए। इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों के लिए अन्न के द्वार खोलती हैं।

यह करें पूजा
इस दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर व्रत का संकल्प करें। उसके बाद भगवान शंकर के मंदिर या घर में बेलपत्र, धूप, अक्षदा, गंगाजल आदि से भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान पंचामृत से अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धोती का फूल, कन्हेर का फूल, धूप, दीपक, फल, पान आदि चढ़ाएं। पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। उसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। अंत में भगवान शंकर की आरती करनी चाहिए।