Thursday, December 19th, 2024

आपकी कुंडली में खराब राहु के ये हैं संकेत, जीवन में होते हैं ये बुरे प्रभाव

मुंबई: ज्योतिष को मानव जीवन में भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने का सबसे अच्छा साधन माना जाता है। ज्योतिष को एक विज्ञान माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि पृथ्वी पर सूर्य या चंद्रमा का सीधा प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार अन्य ग्रह भी मानव जीवन को प्रभावित करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इन 9 ग्रहों में से राहु का भी व्यक्ति के जीवन पर काफी प्रभाव माना जाता है।

राहु के संबंध में कहा जाता है कि यह ग्रह कुंडली के सभी 12 भावों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। जिसका असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर भी पड़ता है। यह एक क्रूर ग्रह है, लेकिन अगर कुंडली में राहु मजबूत है तो यह अच्छे परिणाम देता है, जबकि कमजोर होने पर यह अशुभ फल देता है।

जानिए राहु के बारे में…

ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक अशुभ ग्रह माना गया है। राहु का नाम सुनते ही लोग परेशान हो जाते हैं। कुंडली में राहु के प्रभाव से रोग, परेशानियां और असफलताएं पीछे छूट जाती हैं। जानिए अन्य ग्रहों के साथ राहु की युति का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

राहु भी केतु के साथ योग बनाकर कालसर्प योग बनाता है। जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं तो ऐसी स्थिति को कालसर्प योग माना जाता है।

राहु का अशुभ प्रभाव!

राहु के अशुभ प्रभाव के कारण जातक को अपमान सहना पड़ता है। राहु के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति को किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती है। कुंडली में राहु के अशुभ होने पर व्यक्ति नशे का आदी हो जाता है। राहु आपको राजनीति में ले जाता है, लेकिन यह ग्रह बदनामी का कारण भी है। अशुभ राहु के प्रभाव से व्यक्ति के व्यवहार और नैतिकता में लगातार गिरावट आती है।

राहु का उपाय

राहु यंत्र को अपने घर के पूजा स्थान में स्थापित करें और प्रतिदिन विधिपूर्वक पूजा करें। इससे आपको बहुत फायदा होगा। अगर आपका राहु खराब है तो शनिवार का व्रत करें। इससे राहु ग्रह का प्रभाव कम होता है।

साथ ही इस दिन कौओं को रोटी खिलाएं। साथ ही गरीबों को चावल देना चाहिए। राहु की स्थिति हो तो कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। किसी गरीब की बेटी की भी शादी में यथासंभव मदद करनी चाहिए।

राहु की दशा को शांत करने के लिए सोते समय सिरहाने सिरहाने रखकर सुबह दान करें। ऐसा करने से राहु ग्रह की शांति होती है।

मां सरस्वती की पूजा करें। इसके साथ ही ॐ ऐं सरस्वतायै नमः मंत्र का 108 बार जाप प्रतिदिन करना चाहिए। तांबे के लोटे में गुड़, गेहूं भरकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। माना जा रहा है कि इससे जरूर फायदा होगा।