Sunday, December 22nd, 2024

शनि जयंती पर कई विशेष योग बन रहे हैं, इस एक काम को करने से शनिदेव की प्राप्त होगी कृपा

मुंबई, 17 मई: शनि जयंती इस बार 19 मई यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी। ज्येष्ठ अमावस्या के कृष्ण पक्ष के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। इसी दिन ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री व्रत भी मनाया जाएगा। ये तीनों पर्व एक ही दिन आ रहे हैं। शनि जयंती भगवान शनि का जन्मदिन है। सूर्य के पुत्र शनि देवताओं के न्यायाधीश, कर्मफल दाता और दंड दाता भी हैं। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर शनिदेव की कुदृष्टि होती है वह राजा बन जाता है। शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन शनिदेव की पूजा करें।

शनि जयंती 2023 के शुभ योग

इस साल शनि जयंती बेहद खास मानी जा रही है। इस बार शनि जयंती के दिन शोभन योग बनेगा। यह शोभन योग 18 मई को शाम 07 बजकर 37 मिनट से 19 मई को शाम 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। वहीं शनि जयंती पर चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में विराजमान होकर गजकेसरी योग बना रहा है। शनि अपनी कुम्भ राशि में विराजमान होकर शश योग बनाएंगे।

शनि जयंती 2023 शुभ मुहूर्त

शनि जयंती – 19 मई 2023, शुक्रवार

अमावस्या प्रारंभ – 18 मई 2023 को रात्रि 09 बजकर 42 मिनट पर

अमावस्या प्रारंभ – 19 मई 2023 को रात्रि 09 बजकर 22 मिनट पर

शनि जयंती 2023 पूजा विधि

शास्त्रों के अनुसार शनि जयंती पर शनि देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। शनिदेव की प्रतिमा पर तेल, फूल माला और प्रसाद चढ़ाएं। उनके चरणों में काली उड़द और तिल अर्पित करें। इसके बाद तेल का दीपक जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें। इस दिन व्रत करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शनि जयंती पर किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराने से बहुत शुभ फल मिलते हैं।

मान्यता है कि इस दिन दान-पुण्य आदि करने से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं। सामान्य तौर पर लोगों ने शनिदेव का भय देखा है। कई मान्यताएं हैं कि शनिदेव लोगों को ही नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन सच्चाई इससे परे है। शास्त्रों के अनुसार शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार दंड देते हैं।

ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न

शास्त्रों में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र बताए गए हैं। इन मंत्रों के जाप से शनिदेव प्रसन्न होंगे और जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर होंगी। शनि जयंती की शाम को पश्चिम दिशा में दीपक जलाएं। इसके बाद “ऊं शं अभयहस्ताय नमः” का जप करें और कम से कम 11 माला “ऊं शं शनैश्चराय नमः” का जप करें. इसके अलावा,” ऊं नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्त्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम”  मंत्र के जाप से भी शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है।