हमारे शरीर में तरह-तरह की संवेदनाएं पैदा होती हैं। इन संवेदनाओं की सहायता से हमें अपने शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट का पता चलता है। हमारा शरीर दर्द को एक हद तक सहन कर सकता है। उसके बाद, हालांकि, आवश्यकता उत्पन्न होती है। हममें से ज्यादातर लोग हर छोटे-छोटे दर्द के लिए डॉक्टर के पास जाने से बचते हैं। शरीर के दर्द को रोकने के लिए एक सरल उपाय के रूप में घर पर दर्द निवारक दवा खाएं। बहुत से लोग छोटी-मोटी बीमारियों के लिए दर्द निवारक दवा भी लेते हैं। समय के साथ, वे इसके अभ्यस्त हो जाते हैं। हालांकि दर्द निवारक दवाओं को नियमित रूप से लेने की आदत सेहत के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है।
कई रिपोर्टों में पाया गया है कि दर्द निवारक दवाओं की उच्च खुराक शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए दर्द निवारक दवाओं को लेने से पहले शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जान लेना जरूरी है। दर्द निवारक दवाओं के लगातार सेवन से शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ते हैं। कुछ प्रमुख दुष्प्रभाव यहां दिए गए हैं।
मस्तिष्क को प्रभावित करता है
अमेरिकी वेबसाइट रिट्रीट बिहेवियर हेल्थ के मुताबिक, दर्द निवारक दवाओं का शरीर के कई हिस्सों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दर्द निवारक दवाएं हमारे दिमाग को प्रभावित करती हैं। कुछ दर्द निवारक दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से आंतरिक रक्तस्राव और सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही लंबे समय तक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर, हार्मोनल असंतुलन आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
दिल के लिए खतरनाक
दर्द निवारक दवाएं आपके दर्द को कम कर सकती हैं। लेकिन, ये आपके दिल को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। शोध का नेतृत्व मॉन्ट्रियल अस्पताल अनुसंधान केंद्र विश्वविद्यालय के मिशेल बाली ने किया था। शोध दल ने पाया कि नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं के लगातार उपयोग से हृदय रोग का खतरा काफी बढ़ सकता है।
सांस लेने मे तकलीफ
दर्द निवारक दवाएं सांस की समस्या का कारण बनती हैं। इससे गंभीर और पुरानी दोनों समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, जो लोग लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, उनके फेफड़ों पर असर पड़ता है। दर्द निवारक दवाओं को भी निमोनिया जैसी समस्या पैदा करने के लिए दिखाया गया है।
पेट के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है
ओपिओइड पेट और आंतों को बहुत जल्दी प्रभावित करते हैं। इनके इस्तेमाल से कब्ज, सूजन, जी मिचलाना और उल्टी जैसी कई समस्याएं भी हो जाती हैं। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से ओपिओइड का सेवन कर रहा है, तो ‘नारकोटिक बाउल सिंड्रोम’ नामक रोग हो सकता है। ओपिओइड पेट को धीमा कर देते हैं और सूजन और उल्टी का कारण बनते हैं।
लीवर को प्रभावित करता है
हमारा लीवर शरीर के अपशिष्ट उत्पादों और रसायनों को संसाधित करता है। यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक दर्द निवारक दवा का उपयोग करता है, तो यह उसके लीवर को प्रभावित कर सकता है। इससे लीवर ठीक से काम नहीं कर पाता और शरीर में टॉक्सिन्स बनने लगते हैं। इससे दीर्घकालिक समस्याएं हो सकती हैं।
दर्द निवारक दवाएं आपको दर्द से अस्थायी राहत देती हैं। हालांकि, इसका हमारे शरीर पर दीर्घकालिक दुष्प्रभाव होता है। कभी-कभी दर्द निवारक दवाएं जानलेवा हो सकती हैं। इसलिए इनका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए।