Sunday, December 22nd, 2024

Category: Bless

शुक्रवार को करें कामख्‍या सिंदूर की पूजा; मिलेगा सौभाग्‍य और मनोकामना पूर्ती का वरदान

विवाहिताओं के लिए देवी कामाख्या के सिंदूर का अतिविशिष्ट महत्व है. इसे बोलचाल की भाषा में कमिया सिंदूर भी कहा गया है, जो कामरुप कामाख्या क्षेत्र में ही पाया जाता है. इसे आसानी से...

इस झील में आज भी दिखाई देते है भगवान शिव के शेषनाग!

भारत में एक ऐसी झील स्थित है, जिसके बारे में सुन कर आपको बहुत हैरानी होगी। यह झील जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ गुफा के समीप स्थित है। पहलगाम से इसकी दूरी करीब 32 किमी....

शनि शत्रु नहीं मित्र है!

Shani Gaon Phillaur Jalandhar शनि शत्रु नहीं मित्र है! शनि को अपना दुश्मन मान कर डर से पूजने वालों को शनि के मित्र होने का संदेश देने में प्रयासरत हैं शनि गाँव फिलौर के...

इस मंदिर में शिव भोले हर साल देते हैं दर्शन |

 यह है वो मंदिर यहाँ शिव भोले हर साल देते हैं वैसाखी से अगले शनिवार दर्शन! SHIVBADI AKA Drone Shiv Mandir (Temple) is located in village Ambota near Gagret (17 Kms away from...

गंगा दशहरा पर्व पर ऐसे करें, अखंड सौभाग्य की प्राप्ति

गंगा दशहरा हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। यह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। गंगा दशहरा निर्जला एकादशी के एक दिन पहले मनाया जाता...

खतरा नहीं सुख-समृद्धि के वाहक माने जाते हैं चमगादड़, देश के कई मंदिरों में होती है पूजा

केरल में निपाह वायरस से अब तक 11 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। कहा जा रहा है कि ये वायरस चमगादड़ फैला रहे हैं। लोगों को इनसे दूर रहने की सलाह दी गई...

जानें, क्या होगा अगर आंसू न आएं …

जब आंखें पर्याप्त आंसू नहीं बना पातीं, तब उन्हें पर्याप्त लुब्रिकेशन नहीं मिल पाता और वे ड्राई हो जाती हैं। आपको आंखों में चुभन और जलन का एहसास होता है। आंखों के अंदर या फिर...

बीमारियों को जड़ से मिटाने के लिए नारियल पानी है सबसे ज्यादा फायदेमंद

सेहत को ठीक रखने के लिए नारियल पानी बहुत ज्यादा फायदेमंद है। इससे बीमारियां जल्दी खत्म हो जाती है। नारियल पानी न सिर्फ हम लोगों को गर्मी से बचाएं रखता है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी...

बौद्ध धर्म का इतिहास व कुछ महत्वपूर्ण तत्व

गौतम बुद्ध ने 563 ई.पू. नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु के लुम्बिनी ग्राम में जन्म लिया था. बौद्ध धर्म की स्थापना महात्मा बुद्ध द्वारा हुई थी. गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ...

मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर जहां होती है हर मनोकामना पूरी

मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर काशी के सप्तसागर (कर्णघंटा) क्षेत्र में स्थित है. दुर्गा की पूजा के क्रम में ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन-पूजन बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. सुबह से ही लग जाती है भीड़ ...