वाराणसी को शिव की अत्यंत प्रिय नगरियों में से एक माना जाता है. यह उत्तर प्रदेश में स्थित है, और अपने घाटों के लिए विख्यात है. माना जाता है कि यह शिव के त्रिशूल पर विद्यमान है. भगवान शिव का अति महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग “श्री कशीविश्वनाथ” भी यहीं स्थापित है. अगर जीवन में उच्च पद प्राप्त करना हो या सफलता चाहिए हो तो वाराणसी जाना चाहिए. काशी में गंगा स्नान करके, विश्वनाथ मंदिर में जाकर दर्शन करना चाहिए. काशी में निवास करने और शिव जी की उपासना करने से मुक्ति मोक्ष तक का वरदान मिलता है.
उज्जैन
– भारत की प्राचीन सात नगरियों में से एक प्रमुख नगरी है – उज्जैन.
– शिव जी का अत्यंत शक्तिशाली ज्योतिर्लिंग “महाकालेश्वर” यहीं स्थापित है.
– यह ज्योतिर्लिंग दक्षिणमुखी है जो अपने आप में एक दुर्लभ बात है.
– उज्जैन में शिवलिंग की भस्म आरती का विशेष महत्व है.
– उज्जैन जाकर शिव जी का दर्शन करने से आयु रक्षा होती है तथा स्वास्थ्य उत्तम होता है.
– उज्जैन में ही मंगलनाथ का दर्शन करके शिव पूजन करने से मंगल दोष का नाश होता है.
सौराष्ट्र
– भगवान शिव का पहला और अति प्राचीन शिवलिंग “सोमनाथ” यहीं स्थापित है.
– सौराष्ट्र में ही प्रभास क्षेत्र है , जहाँ श्रीकृष्ण ने शरीर त्याग किया था.
– सोमनाथ के ज्योतिर्लिंग की स्थापना चन्द्र देव ने की थी.
– यहीं पर शिव जी की कृपा से उन्हें शाप और पीड़ा से मुक्ति मिली थी.
– अगर जीवन में चन्द्रमा सम्बन्धी कोई समस्या है या किसी प्रकार का कोई श्राप या दोष है, तो सौराष्ट्र में सोमनाथ का विधिवत पूजन अर्चन करना चाहिए.