Thursday, December 19th, 2024

इस शुभ मुहूर्त में करें रामनवमी की पूजा, जानिए अनुष्ठान और महत्व

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। रामनवमी के दिन मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ भगवान राम की भी पूजा की जाती है। राम नवमी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने दशरथ की सबसे बड़ी पत्नी कौशल्या के गर्भ से सातवां अवतार लिया था। यही कारण है कि राम नवमी श्री राम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। लेकिन भगवान राम के जन्म के साथ ही उनके तीन भाइयों लक्ष्मण, शत्रुघ्न और भरत का भी जन्म इसी दिन माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं राम नवमी का शुभ मुहूर्त और महत्व

राम नवमी का शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि प्रारंभ – 10 अप्रैल, रविवार पूर्वाह्न 01:23 बजे
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि समाप्ति – सोमवार 11 अप्रैल, 03:15 पूर्वाह्न
रामजन्मोत्सव शुभ मुहूर्त – प्रातः 11:06 से दोपहर 1:39 तक।
रामनवमी के दिन सुकर्म योग – दोपहर 12:04 बजे तक
रामनवमी के दिन पुष्य नक्षत्र पूरी रात तक रहता है।
रामनवमी को विजय क्षण – दोपहर 02:30 बजे से 03:21 बजे तक
राम नवमी पर अमृत काल – रात 11:50 बजे से दोपहर 01:35 बजे तक
रामनवमी पर रहें – शाम 05:09 बजे से शाम 06:44 बजे तक

राम नवमी की पूजा अनुष्ठान
रामनवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और नाग के वस्त्र धारण करना चाहिए। फिर चावल को हाथ में लेकर व्रत करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर भगवान राम की पूजा करें और गंगाजल, फूल, माला, 5 प्रकार के फल, मिठाई आदि चढ़ाएं। अब भगवान राम को तुलसी के पत्ते और कमल के फूल चढ़ाएं। फिर रामचरितमानस, रामायण या रामरक्षस्तोत्र का पाठ करें।