Site icon Bless TV

आप मंदिर में पानी क्यों रखते हैं? क्या है वैज्ञानिक कारण पढ़ें पौराणिक मान्यता

मुंबई, 29 मई: वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित है। वास्तु में घर की हर दिशा और कमरे का अपना एक खास स्थान होता है। घर को किस दिशा में रखना चाहिए इसका भी वास्तु शास्त्र में वर्णन किया गया है। पूजाघर या मंदिर में इससे जुड़े कुछ वास्तु नियम होते हैं। वास्तु के अनुसार पूजा घर में जल रखना आवश्यक होता है। आइए जानें क्यों।

मंदिर में जल क्यों रखना चाहिए ?

हर घर में एक पूजागृह होता है। यहां पूजन सामग्री के अलावा शंख, चील का घंटा, गाय, चंदन का दीपक, तांबे का सिक्का, आचमन पत्री, गंगाजल और जल का कलश रखा जाता है। कई घरों में घड़े की जगह जल कलश रखा जाता है। पूजा से पहले भगवान की मूर्ति को जल से स्नान कराकर पूजा स्थल पर जल छिड़क कर पवित्र किया जाता है। इसलिए पूजा स्थान पर एक बर्तन में जल रखा जाता है।

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जैसे गुरुदेव गरुड़घण्टा के रूप में स्थापित होते हैं, वैसे ही वरुण जल के रूप में स्थापित होते हैं। मान्यता के अनुसार जल को वरुण के रूप में पूजा जाता है और संसार की रक्षा करता है। पूजा घर में पानी में कुछ तुलसी के पत्ते डालने से पानी शुद्ध हो जाता है। इस जल के शुद्ध होते ही आचमन योग बन जाता है। जब यह जल पूजा स्थल को शुद्ध करता है तो देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

पूजा घर में जल कैसे स्थापित करें

अगर पूजा का स्थान घर के अंदर या उत्तर और ईशान कोण में हो तो यहां जल अवश्य स्थापित करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। पूजा स्थान पर तांबे के लोटे में जल रखना बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार पूजा घर में जल रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

Exit mobile version