Friday, April 26th, 2024

वास्तु के अनुसार किचन कैसा दिखना चाहिए? ये 10 टिप्स आपकी मदद करेंगे

वास्तु में दिशा और पंच तत्व (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश) सबसे बड़े आधार हैं। इनके आधार पर शुभ-अशुभ लाभ, फल और संभावनाएं मानी जाती हैं। आज हम वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के अहम हिस्से यानी किचन को लेकर वास्तु के नियमों को समझने जा रहे हैं। वास्तु के नियमों के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपका किचन दक्षिण-पूर्व कोण पर होना चाहिए। आग से संबंधित कार्य आग की दिशा में किए जाते हैं। यह दिशा स्वास्थ्य को बनाए रखती है, मानसिक संतुलन और बुद्धि को संतुलित करने में भूमिका निभाती है।

वास्तुशास्त्र द्वारा रसोई के लिए 10 वास्तु टिप्स
किचन ईशान कोण में होना चाहिए।

किचन की खिड़कियां पूर्व और पश्चिम की ओर होनी चाहिए।

रसोई घर का मुख्य द्वार और घर का मुख्य द्वार एक दूसरे के सामने नहीं होना चाहिए।

किचन में वॉशबेसिन या बर्तन उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

खाना बनाते समय गृहिणी का मुंह पूर्व की ओर होना चाहिए, जिससे वह हमेशा फिट और स्वस्थ रहती है।

अगर किचन उत्तर-पश्चिम दिशा में बना हो तो घर में खर्चा ज्यादा होता है।

उत्तर-पश्चिम दिशा में रसोई होने के कारण मित्रों को दिया गया धन शीघ्र वापस नहीं होता है।

अगर किचन उत्तर-पश्चिम दिशा में बना है तो गर्म पानी या आग लगने की संभावना अधिक होती है।

उत्तर कुबेर का स्थान है। यदि इस दिशा में रसोई बनाई जाए तो आग लगने से संपत्ति नष्ट हो जाती है।

उत्तर दिशा में किचन होने पर जमीन जैसी संपत्ति भी बेची जा सकती है।