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खसरा किसके कारण होता है? जानिए इसके कारण और लक्षण…

खसरा एक वायरल रोग है। यह एक छूत की बीमारी है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। यह रोग विशेष रूप से बच्चों में आम है। दुनिया में इस बीमारी से कई मासूम बच्चों की मौत हो जाती है। हालांकि यह आज तक का एक प्रभावी टीका है, लेकिन जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो लार की बूंदों के माध्यम से वायरस हवा में फैल जाता है और अन्य लोगों को संक्रमित कर देता है। शुरुआत में इस रोग के लक्षण नजर नहीं आते। संक्रमण के 10 से 12 दिन बाद लक्षण दिखने लगते हैं। तो आइए जानते हैं खसरे के संक्रमण, लक्षण और इलाज के बारे में जानकारी।

यह करना है
खसरा Paramyxovirus के संक्रमण के कारण होता है। खसरे के प्राथमिक लक्षण वायरस के शरीर को संक्रमित करने के लगभग 10 से 12 दिनों के बाद प्रकट होते हैं।

खसरे के लक्षण
खसरा वायरस से संक्रमित होने के बाद शुरुआती दिनों में तेज ठंड लगना, बुखार, नाक बहना, लाल आंखें, छोटे-छोटे छाले और मुंह में सफेद धब्बे हो सकते हैं। कुछ दिनों के बाद, रोगी को हल्के लाल चकत्ते और शरीर और चेहरे पर सूजन हो जाती है। इस रोग के संक्रमण से शरीर में दर्द और कमजोरी महसूस होती है।

इलाज
यदि खसरे के शुरूआती लक्षण दिखाई दें तो बिना समय बर्बाद किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लड टेस्ट के बाद आपको साफ पता चल जाएगा कि आपको कौन सी बीमारी है। तभी डॉक्टर आपको खसरे का टीका देंगे। इसके लिए कोई विशेष दवा नहीं है। इस बीमारी से बचाव का सबसे कारगर तरीका है खसरे का टीका लगवाना। इसलिए बेहतर है कि शुरुआत में ही इसका टीका लगवा लें। हालांकि, इस बीमारी का इलाज रोगसूचक रूप से किया जाता है। उदाहरण के लिए बुखार, सर्दी, खांसी, बुखार होने पर दवा दी जाती है। इलाज के दौरान आराम जरूरी है। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। बुखार और दाने के साथ यह रोग 8 से 14 दिनों में धीरे-धीरे कम हो जाता है।

यह एक निवारक उपाय है
खसरे से बचने के लिए निवारक उपाय महत्वपूर्ण हैं। इसलिए बच्चे को समय पर जरूरी टीके लगवाने चाहिए। इसके साथ ही खसरे से संक्रमित मरीज के संपर्क में न आएं, संपर्क में आने पर साबुन से हाथ धोएं। सावधान रहें कि दूषित हाथों से मुंह या आंखों को न छुएं।

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