Thursday, November 21st, 2024

मंगलवार है अमावस्या, हनुमंता की पूजा, पितरों का श्राद्ध करने का शुभ योग

मुंबई, 20 मार्च: मंगलवार, 21 मार्च को अमावस्या है। यह तिथि मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे भौम अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या तिथि पर नदियों में स्नान, तीर्थों के दर्शन और पितरों का श्राद्ध करने की परंपरा है।

ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र अमावस्या का बहुत महत्व है, क्योंकि इसके दूसरे दिन से नए संवत की शुरुआत होती है, यानी पुराने संवत की अंतिम तिथि। मान्यता है कि अमावस्या के दिन पितरों के लिए शुभ कार्य करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है। परिवार के मृत सदस्यों को पितृपुरुष माना जाता है। जानिए मंगलवार और अमावस्या योग में कौन से शुभ कार्य किए जा सकते हैं..

मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा का दिन है

मंगलवार को हनुमानजी का जन्म दिन है। इसके लिए मंगलवार के दिन श्री राम की पूजा करने के बाद हनुमानजी के सामने दीपक जलाएं और सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें। आप चाहें तो श्री राम का नाम भी ले सकते हैं। सिंदूर और चमेली के तेल से हनुमानजी का श्रृंगार करें। मिठाइयों का लुत्फ उठाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करनी चाहिए।

पितरों का ध्यान करें

प्रात:काल देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए और दोपहर में पितरों का धूप-ध्यान करना चाहिए, क्योंकि श्राद्ध, तर्पण, धूप-ध्यान के लिए दोपहर का समय सबसे अच्छा माना जाता है। घर की सफाई करे। गोबर से बनी गौरी को जला देना चाहिए। पितरों का ध्यान करते हुए चारकोल पर गुड़ और घी लगाएं। इसके बाद हथेली में जल लेकर पितरों के लिए अंगूठे की ओर से जल अर्पित करें। पितरों के निमित्त अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन का दान भी किया जा सकता है। अन्न, धन और वस्त्र दान कर सकते हैं।

अमावस्या के दिन करें ये शुभ कार्य

अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करें। ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। घर के मंदिर में यदि बाल गोपाल हो तो उसका अभिषेक करना चाहिए। कृं कृष्णाय नमः मंत्र का जाप करें। तुलसीपत्र पर मक्खन-शक्कर का भोग लगाएं। भगवान विष्णु की पूजा करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें

शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। बिना ॐ नमः के इस मंत्र का जाप करें। बेल के पत्तों और फूलों से गार्निश करें। दीपक जलाकर आरती करनी चाहिए। पड़ोसियों को मिठाई बांटें।