खगोलविदों के लिए जुलाई एक विशेष महीना है। आज यानी 13 जुलाई को खगोलविदों को साल का सबसे बड़ा ‘सुपरमून’ देखने का मौका मिलेगा। इस दिन पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी कम हो जाएगी। इस बीच चंद्रमा पृथ्वी से 357,264 किलोमीटर दूर होगा। इस सुपरमून का असर समुद्र पर भी देखने को मिलेगा। सुपरमून समुद्र में बड़े पैमाने पर ज्वार पैदा कर सकता है। खगोलविदों के मुताबिक सुपरमून के दौरान तटीय इलाकों में तूफान बाढ़ जैसे हालात पैदा कर सकते हैं।
कब दिखाई देगा सुपरमून?
साल का सबसे बड़ा सुपरमून 13 जुलाई को दिखाई देगा। 13 जुलाई को दोपहर 12:07 बजे रात में सुपरमून दिखाई देगा। इसके बाद 30 जुलाई 2023 को सुपरमून होगा। सुपरमून को बकमून भी कहा जाता है। 13 जुलाई को सुपरमून के कुछ घंटों बाद फुलमून दिखाई देगी। अगले 2 से 3 दिन में यह पूर्णिमा दिखाई देगी। हालांकि यह पूर्णिमा नहीं है, लेकिन चंद्रमा का आकार इसे पूर्णिमा जैसा बना देगा।
क्या है सुपरमून
सुपरमून एक महत्वपूर्ण खगोलीय परिवर्तन है। इस बदलाव के दौरान चंद्रमा का आकार सामान्य से काफी बड़ा दिखाई देगा। साथ ही, इस दौरान चांदनी सामान्य से अधिक तेज होती है। यह सब परिवर्तन चंद्रमा के पृथ्वी की कक्षा के बहुत करीब होने के कारण हुआ है। चंद्रमा की इस स्थिति को पेरिगी कहते हैं। इसके अलावा, चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर आगे बढ़ता है। इस स्थिति को अपोजी कहा जाता है। अपभू के दौरान चंद्रमा पृथ्वी से 405,500 किमी दूर होता है।
साल 2052 में दिखेगा सदी का सबसे बड़ा सुपरमून
पिछले महीने, 14 जून, 2022 को साल का पहला सुपरमून देखा गया। यह दूरी औसतन 357,436 किलोमीटर थी। 25 नवंबर 2035 को भी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी कम होगी। खगोलविदों का कहना है कि सदी का सबसे बड़ा सुपरमून 6 दिसंबर 2052 को देखा जाएगा।