मुंबई, 20 फरवरी: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। इस खास दिन भगवान शिव, माता पार्वती और चंद्रदेव की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को मनाई जाएगी। शास्त्रों में कहा गया है कि सोमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान और तर्पण करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही कई तरह के दोषों से भी मुक्ति मिलती है। वैदिक शास्त्रों में सोमवती अमावस्या के संबंध में कुछ नियम और कार्य बताए गए हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति को विशेष लाभ होता है।
ऐसा सोमवती अमावस्या पर करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या पर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। ऐसा करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
पवित्र स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना न भूलें। साथ ही सूर्य मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से साधक को स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सोमवती अमावस्या पर इन कार्यों से बचें
शास्त्रों में कहा गया है कि सोमवती अमावस्या के दिन तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इस दिन मांस, शराब, प्याज, लहसुन आदि का सेवन वर्जित है।
सोमवती अमावस्या के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इस दिन घर में वाद-विवाद न हो। साथ ही इस दिन अपशब्दों का प्रयोग भी न करें। सोमवती अमावस्या के दिन व्यक्ति को झूठ बोलने से बचना चाहिए। साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।