Sunday, December 22nd, 2024

दिवाली पर सूर्य ग्रहण और देव दीपावली पर होगा चंद्र ग्रहण का साया, ग्रहण काल ​​में साइड इफेक्ट से बचने के लिए करें ये काम!

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अभी बीत चुका है। सूर्य ग्रहण के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को है। कार्तिक पूर्णिमा चंद्र ग्रहण है। यह साल का आखिरी और दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। भगवान दीपावली केवल कार्तिक मास की पूर्णिमा यानि कार्तिक पूर्णिमा को ही मनाई जाती है। भगवान भी इंसानों की तरह दिवाली मनाते हैं। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन देवी-देवता पृथ्वी पर दीपावली मनाने के लिए आते हैं। इस वर्ष वर्ष का अंतिम ग्रहण देव दीपावली के दिन होने के कारण इसका विशेष महत्व हो गया है।

यह साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। खास बात यह है कि चंद्र ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई देशों में एक साथ दिखेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत समेत दक्षिणपूर्व यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखाई देगा। भारत में यह चंद्र ग्रहण शाम 5.32 बजे से शुरू होगा और शाम 6.18 बजे तक चलेगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल 8 नवंबर को सुबह 9.21 बजे से शुरू होगा और सूतक काल शाम 6.18 बजे समाप्त होगा.

एक धार्मिक मान्यता है कि चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा के बीच आ जाता है। इस दौरान राहु और केतु पृथ्वी पर निवास करते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत पीकर भगवान श्री हरि विष्णुजी का वध हुआ था। उस समय राहु और केतु चंद्रमा और पृथ्वी की छाया में होते हैं। भारत में चंद्र ग्रहण प्रभावी रहेगा। इस दिन सूतक भी मान्य होगा। ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी काम बिगड़ जाता है। अतः ग्रहण के समय कोई भी कार्य नहीं किया जाता है। एक धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण के दौरान कुछ चीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि राहु-केतु की दृष्टि खराब होने के कारण व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आती है। इसके लिए राहु और केतु के प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल ​​में मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही तुलसी के पत्तों का सेवन लाभकारी बताया गया है। कहा जाता है ग्रहण काल ​​में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए. सूतक के दौरान घर में कुछ भी पकाना और खाना मना है। ग्रहण के दौरान किसी भी चीज को न काटें और न ही छीलें। साथ ही यह भी कहा जाता है कि ग्रहण काल ​​के दौरान ज्यादा चलना और हिलना-डुलना नहीं चाहिए।