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शनिवार के दिन मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना माना जाता है, जानिए इसका क्या मतलब है

हिंदू धर्म में कई मान्यताएं हैं, जिन्हें कुछ लोग केवल अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन ज्योतिष के अनुसार ये मान्यताएं प्राचीन काल से ही मानव जीवन को प्रभावित करती रही हैं। इन्हीं में से एक मिथक है मंदिरों से जूते-चप्पल की चोरी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंदिर से जूते-चप्पल चोरी करना शुभ माना जाता है। हमारे परिवार के वृद्ध लोग इन मान्यताओं को मानते हैं। माना जाता है कि शनिवार के दिन अगर आपके जूते-चप्पल मंदिर से चोरी हो जाते हैं तो यह आपके लिए शुभ हो सकता है।

बुरे वक्त का अंत
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि यदि शनिवार के दिन किसी मंदिर से आपका जूता या चंदन चोरी हो जाए तो यह आपके लिए बहुत ही शुभ है। शनिवार के दिन किसी मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होने का मतलब है कि आपका बुरा समय जल्द खत्म होगा और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी। चोरी की चप्पल या जूता भी आपकी सभी समस्याओं को अपने साथ ले जाने के लिए कहा जाता है।

पैरों में शनि की गंध
ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति के चरणों में शनिदेव का वास होता है। जैसे शनि पैरों से जुड़ा है, जूते और चप्पल भी शनि के कारक बनते हैं, इसलिए ऐसा माना जाता है कि अगर किसी के जूते और चप्पल चोरी या दान कर दिए जाते हैं, तो शनि की कृपा आप पर बनी रहती है और वे खुश रहते हैं। यह आपको आशीर्वाद भी देता है।

परेशानियां दूर होंगी
ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो और अच्छे परिणाम न दे तो व्यक्ति को अपने कार्य में सफलता नहीं मिलती है। ऐसे में अगर शनिवार के दिन मंदिर से आपके जूते-चप्पल चोरी हो जाए तो यह आपके लिए शुभ है। शनिवार के दिन जूते-चप्पल चोरी करना या दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे आपके कष्ट जल्दी दूर होते हैं और शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

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