मुंबई, 17 जून: 18 जून रविवार को एक बड़ी ज्योतिषीय घटना हो रही है, जब शनि वक्री होकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। ग्रह लगभग 139 दिनों तक वक्री रहेगा और 4 नवंबर को फिर से गोचर करेगा। शनि की चाल बदलने से सभी राशियों पर इस ग्रह का प्रभाव भी बदलेगा। यह ग्रह हर साल वक्री होता है। जानिए शनि से जुड़ी खास बातें…
शनि पूरी अवधि कुम्भ राशि में रहेगा। इस वर्ष ग्रह धनिष्ठा और फिर शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। 30 साल पहले 2023 में 11 जून 1993 को शनि कुम्भ राशि में वक्री हुए थे। उस समय यह ग्रह वक्री अवस्था में मकर राशि में आया था। इसके बाद 1994 और 1995 में भी शनि कुम्भ राशि में वक्री हुए थे।
सूर्य और चंद्रमा घूमते नहीं हैं
नौ ग्रहों में से सूर्य और चंद्रमा दो ऐसे ग्रह हैं जो कभी भी वक्री नहीं होते हैं। ये दोनों ग्रह हमारे मार्ग में रहते हैं। राहु-केतु ये दोनों ग्रह हमेशा वक्री रहते हैं, ये कभी भी अकर्मक नहीं होते हैं यानी ये ग्रह हमेशा वक्री रहते हैं। अन्य सभी ग्रह जैसे मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि वक्री होते रहते हैं। शनि वर्ष में एक बार वक्री होता है।
वक्री शनि का देश और दुनिया पर प्रभाव
शनि अपनी ही कुम्भ राशि में है। इस राशि में शनि वक्री रहेगा। इससे तूफान, भूकंप, प्राकृतिक आपदा और बड़ी दुर्घटनाएं होने की संभावना रहती है। इस अवधि में कर्क, वृश्चिक, मकर, कुम्भ और मीन राशि के लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि शनि की साढ़ेसाती और साढ़ेसाती शुरू हो रही है। इन पांच राशियों के जातकों ने सावधानी नहीं बरती तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
शनि के लिए कौन सा शुभ कार्य करना चाहिए?
हर शनिवार को शनिदेव का तेल से अभिषेक करना चाहिए। हो सके तो हवन भी किया जा सकता है। चमेली के तेल से शनि का अभिषेक करने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। कोर्ट कचहरी में कोई मामला चल रहा हो तो सरसों के तेल से अभिषेक किया जा सकता है। विरोधियों को शांत करने के लिए सरसों के तेल का अभिषेक करना चाहिए। तिल के तेल का अभिषेक करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। घर में सुख-शांति के लिए नारियल के तेल से अभिषेक करें।
शनि देव के लिए ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। हनुमानजी के सामने दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। माना जाता है कि हनुमानजी के भक्तों पर शनिदेव के दोषों का प्रभाव नहीं पड़ता है।
कुम्भ शनि की राशि है। इस राशि में शनि की वक्री स्थिति से तूफान, भूकंप और दुर्घटनाएं होने की संभावना है। कर्क, वृश्चिक, मकर, कुम्भ और मीन राशि वालों को अधिक सावधान रहना होगा। इन राशियों में शनि की साढ़े साती चल रही है। जानिए राशि के अनुसार शनि के शुभ कार्य…
मेष
तिल के तेल से शनि का अभिषेक करना चाहिए। आप चाहें तो तिल भी डाल सकते हैं और हवन भी कर सकते हैं।
वृषभ
नारियल, मूंगफली या सरसों के तेल से शनि का अभिषेक करना चाहिए।
मिथुन राशि
तिल के तेल से अभिषेक करना चाहिए। हवन करना चाहिए।
कर्क
सरसों के तेल का दान करना चाहिए।
सिंह
शनि को सरसों का तेल या तिल का तेल चढ़ाना चाहिए।
कन्या
तिल, मूंगफली, सरसों का तेल दान करना चाहिए।
तुला
भगवान को नारियल, मूंगफली या सरसों का तेल अर्पित करें।
वृश्चिक
अभिषेक तिल के तेल या सरसों के तेल से किया जा सकता है।
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धनुराशि
सोयाबीन, मूंगफली का तेल दान कर सकते हैं।
मकर
शनिदेव का सरसों या तिल के तेल से अभिषेक और हवन करें।
कुंभ राशि
मंदिर में सरसों का तेल दान करना चाहिए।
मीन राशि
सोयाबीन, मूंगफली के तेल से शनिदेव का अभिषेक किया जा सकता है।