The Rare Shiva Temple
भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर जहाँ शिवलिंग उल्टा स्थापित है। कहा जाता है कि दुनिया भर में इस मंदिर के इलावा एक ही एक और मंदिर है जहाँ शिवलिंग उल्टा स्थापित है|
यह दुर्लभ मंदिर स्थित है पंजाब के शहर फगवाड़ा में| इसी तरह का उलटे शिवलिंग वाला दूसरा भगवान शिव का मन्दिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है, महादेव कलेश्वर।
फगवाड़ा के इस शिव मंदिर में प्रतिदिन हजारो कि सख्या में श्रदालु भोलेनाथ कें चरणो में शीश निवानेे आते है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि लगातर 40 दिन इस मन्दिर में नमन करने से भक्तो की मनोकामनाए पूर्ण होती है।
इस मंदिर का इतिहास शाहूकार पोलो मल महाराज से संबंधित बताया जाता है। पांच सौ साल पुराने इस मन्दिर में भगवान शिव का जो स्वरूप प्रतिष्टि है, वह पोलो मल कि कोशिशों द्वारा स्थापित किया गया था | 15 वी शताब्दी में इस शिवलिगं को काशी और काश्मीरी पंडितो ने पूरण मर्यादा सहित स्थापित किया था|
कहा जाता है कि कारीगर को यह बात बताई ना गई कि शिवलिगं को किस प्रकार स्थापित करना है और कारीगर ने अपनी समझ के अनुसार शिवलिगं को उल्टा लगा दिया | पडितो के कहने पर कारीगरो को इस शिवलिगं को सीधा करने के लिए कहा गया, परन्तु वो इसे हिला भी न सके | स्थानीय भगतों के अनुसार कारीगर ने जब शिवलिंग को ठीक करने के लिए पहला प्रहार किया तो पत्थर में से पानी की धार निकली, दूसरे प्रहार से दूध की धार और तीसरे प्रहार करने पर शिवलिगं में से खून निकलने लगा | उसी समय से यह शिवलिंग इसी स्वरूप में है।
श्रद्धालुयों की मान्यता है कि जो भगत लगातार 40 दिन इस मन्दिर में माथा टेकने आते हैं, उनकी मनोकामनाएँ पूरी हो जाती हैं।