मुंबई: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी रामनवमी पर भगवान राम की पूजा की जाती है। इस वर्ष राम नवमी 6 अप्रैल 2025, रविवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार इस वर्ष राम नवमी 5 अप्रैल, शनिवार को शाम 7:26 बजे शुरू होगी और 6 अप्रैल, रविवार को शाम 7:22 बजे समाप्त होगी। इस दिन भगवान राम की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। बोरीवली की धार्मिक विद्वान प्रभा माने ने इस वर्ष रामनवमी की पूजा और उपकरणों के बारे में जानकारी दी है।
भगवान राम की पूजा कैसे करें?
रामनवमी की पूजा करते समय हमें भगवान राम की मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद घी, दीप, धूप, नैवेद्य अर्पित करना चाहिए। खपरैल और कमल के फूल चढ़ाने चाहिए। पूजा करते समय ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
ध्यान एवं मंत्र जाप
राम रक्षा स्तोत्र और श्री राम मंत्र का जाप करें। साधना करते समय श्री तुलसी के पत्तों पर एकाग्रचित्त होकर श्री राम मंत्र का जप करें। इससे साधक का मनोबल बढ़ेगा तथा शरीर और मन पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ेगा।
रामनवमी के दिन साधना करने से व्यक्तित्व में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विशेषकर विद्यार्थियों और कर्मचारियों को इस दिन ध्यान का अभ्यास करना चाहिए। माने कहते हैं कि राम रक्षा स्तोत्र और श्री राम मंत्र का जाप करने से साधक के जीवन में समृद्धि और मानसिक शांति आती है।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें
राम नवमी के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी लाभकारी होता है। इस मंत्र का जाप या पाठ करने से शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा एकाग्रता में सुधार होता है। यदि बच्चे इस दिन भजन-कीर्तन करें तो उनकी पढ़ाई में सुधार आता है तथा एकाग्रता बढ़ती है। प्रभा माने का यह भी कहना है कि रामनवमी के दिन ध्यान, पूजा और मंत्र जाप करने से हमारे जीवन में धार्मिक और मानसिक उत्थान होगा।