Thursday, November 14th, 2024

महाशिवरात्रि पर हो रहा है पंचग्रही योग, जानिए तिथि, पूजा का समय और इसका महत्व

भक्त भगवान शिव और पार्वती के मिलन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव महादेव की भक्ति में डूबे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और देवताओं की पूजा करते हैं। इस वर्ष महाशिवरात्रि 1 मार्च (मंगलवार) को मनाई जा रही है। इस समय पंचग्रही योग में भगवान शिव की पूजा करना संभव होगा। साथ ही महाशिवरात्रि पर दो शुभ संयोग बन रहे हैं। इस शुभ अवसर और शुभ मुहूर्त पर भोलेनाथ की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। आइए जानते हैं पूजा के क्षण और अनुष्ठान

5 ग्रहों का महा मिलन बन रहा है महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि पर इस समय ग्रहों का विशेष योग बन रहा है। बारहवें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा। इस राशि में मंगल और शनि के साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा भी होंगे। सूर्य और गुरु की युति कुंभ राशि में रहेगी। राहु चौथे भाव में वृष राशि में होगा, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा।

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त महाशिवरात्रि के दिन सुबह 11.47 बजे से दोपहर 12.34 बजे तक रहेगा. वहीं दोपहर 02.07 से 02.53 तक विजय क्षण रहेगा। ये दोनों क्षण पूजा या किसी शुभ कार्य के लिए सर्वोत्तम हैं। शाम 05.48 से 06.12 तक गोराज मुहूर्त रहेगा।

महाशिवरात्रि पूजा अनुष्ठान
फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि को वर्ष की सबसे बड़ी शिवरात्रि माना जाता है। इस दिन दिव्य क्षण में स्नान करके घर के पूजा स्थल पर जल से भरा कलश स्थापित करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों की स्थापना करें। फिर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें और अंत में आरती करें।