मासिक शिवरात्रि भगवान शंकर को बहुत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से भगवान शंकर की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसी के अनुसार मासिक शिवरात्रि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानि आज 24 सितंबर को है. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की एक साथ पूजा की जाती है। आइए जानते हैं भाद्रपद मासिक शिवरात्रि पूजा का मुहूर्त और धार्मिक महत्व।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि व्रत के साथ-साथ शिव की उचित पूजा से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और उन्हें स्वस्थ जीवन मिलता है। देवताओं के देवता महादेव कृपालु हैं। इसलिए भगवान शिव की कृपा पाने के लिए मासिक शिवरात्रि के साथ शिवलिंग पर नियमित जल चढ़ाएं। इससे भक्तों को सुख, समृद्धि, संतान, स्वास्थ्य, रोमांच आदि की प्राप्ति होती है।
आज मासिक शिवरात्रि
हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी आज यानि 24 सितंबर को है और यह दोपहर 2:30 बजे से शुरू हो रही है. यह 25 सितंबर को मध्यरात्रि 3:12 बजे समाप्त होगा। उदय तिथि के अनुसार मासिक शिवरात्रि व्रत 24 सितंबर को है।
रात में होती है पूजा
मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है और इस दिन उपवास करने के साथ-साथ अनुष्ठान पूजा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इसके लिए रात के समय पूजा की जाती है। चतुर्दशी तिथि 24 सितंबर को है और इस दिन व्रत भी किया जा सकता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर की पूजा के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है। लेकिन रात्रि के समय मासिक शिवरात्रि पूजा सर्वोत्तम मानी जाती है। इस समय पूजा करने से महादेव की कृपा प्राप्त करने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।