शनि ने पिछले अप्रैल में राशि बदल दी थी। तब से शनि अपनी ही राशि कुम्भ में प्रवेश कर चुका है। आप जानते ही होंगे कि शनि के प्रवेश से शनि की मिथुन और तुला राशि में आपकी ढाई वर्ष की अवधि समाप्त हो गई है।
हालांकि शनि ने कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया है, लेकिन जुलाई में शनि के अधिक आक्रामक होने की संभावना है। इसलिए मिथुन और तुला राशि की शक्ति को कम मत समझो। इन दोनों राशियों पर फिर से असर पड़ेगा। शनि के राडार में दोनों राशि के लोग होंगे। शनि के उनके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
मिथुन और तुला राशि के लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल मिलेगा। इस बीच शनि दो चरणों में राशि परिवर्तन कर रहा है। मिथुन और तुला राशि के लोगों को इस दौरान व्यापार में निवेश नहीं करना चाहिए। साथ ही कोई भी आर्थिक लेन-देन सोच-समझकर ही करना चाहिए। यह करियर और नौकरी में उन्नति के लिए भी एक बड़ी बाधा हो सकती है।
इस राशि के जातकों को शनि जयंती पर कुछ उपाय करने से लाभ मिल सकता है। यह शनि की वक्र दृष्टि से भी छुटकारा दिला सकता है।
शनि जयंती पर करें ‘अरे’ उपाय
– शनि जयंती के दिन शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाया गया।
– जरूरतमंदों को दान देने से शनि का नकारात्मक प्रभाव कम होगा।
– शनि जयंती पर अन्नदान करने से भी शनिदोष का नाश होता है.