Thursday, December 19th, 2024

एक अनोखा रहस्‍य जुड़ा है इन पांच मंदिरों से

भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनसे जुड़े इतिहास और रहस्यों के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। ऐसे ही पांच भव्य मंदिरों को लेकर मान्यता है कि इन मंदिरों का निर्माण केवल एक रात में हुआ है, लेकिन इन मंदिरों को देखने के बाद इस बात पर विश्वास कर पाना बड़ा मुश्किल होता है क्योंकि ये मंदिर इतने विशाल हैं कि इस तरह के मंदिर बनवाने शुरू करें तो वर्षों लग जाएंगे।

गोविंद देव जी मंदिर- भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली वृंदावन में गोविंद देव जी का मंदिर है। कहते हैं कि यह मंदिर एक रात में बनकर तैयार हुआ है।  करीब से देखने पर यह अधूरा सा लगता है। कहते हैं कि भूतों ने या दिव्य शक्तियों ने पूरी रात में इस मंदिर को तैयार किया है। सुबह होने से पहले ही किसी ने चक्की चलानी शुरु कर दी, जिसकी आवाज से मंदिर का निर्माण करने वाले काम पूरा किए बिना चले गए।

देवघर मंदिर- झारखंड स्थित देवघर मंदिर के विषय में भी कथा है कि देव शिल्पी विश्वकर्मा ने यहां मंदिरों के निर्माण का काम एक रात में किया है। मंदिर प्रांगण में देवी पार्वती का मंदिर, बाबा बैजनाथ और विष्णु मंदिर से छोटा है। इसके पीछे कथा है कि देवी पार्वती के मंदिर का निर्माण कार्य होते-होते सुबह हो गई, जिससे मंदिर अधूरा रह गया। देवघर के मंदिर की एक अनूठी बात यह है कि इसमें प्रवेश का मात्र एक दरवाजा है।

ककनमठ – मध्यप्रदेश में एक प्राचीन शिव मंदिर है ककनमठ। यह भी एक रात में बना है, जिसका निर्माण भोलेनाथ के गण यानी भूतों ने किया है। इस मंदिर में एक कमाल की बात यह भी है कि इसके निर्माण में गारे या चूने का प्रयोग नहीं है। पत्थरों पर पत्थर इस तरह रखे गए हैं कि उनके बीच संतुलन बना हुआ है और आंधी तूफान भी इसे हिला नहीं सकते।

हथिया देवाल – उत्तराखंड में एक श्रापित मंदिर है, जिसका नाम है हथिया देवाल। इसके बारे कहा जाता है कि एक हाथ वाले शिल्पकार ने एक ही रात में इस  का निर्माण किया था। शिवलिंग का अर्घा दक्षिण दिशा में होने के कारण इस मंदिर में पूजा करना अच्छा नहीं माना जाता।

भोजेश्वर मंदिर – पहाड़ी के ऊपर बने इस मंदिर के निर्माण की कथा का संबंध द्वापर युग यानी महाभारत काल से है। कहते हैं कि यहां पांडवों ने अपनी माता कुंती के लिए रातों रात विशाल शिवलिंग की स्थापना की थी।

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